लीजिए!! यह रहा किसानों का जवाब,,!! आज के दैनिक भास्कर में पढ़ लीजिए सरकार जी,,,, अब हम लोग भी क्या करें आखिर?? हम किसानों के आवेदन, निवेदन पत्रों का जवाब देने की तो आपके कार्यालयों में अब परंपरा रही नहीं ,,और और हमसे वार्ता के लिए आप “बिचौलिया” ढूंढते हैं,,, तो बस यही माध्यम बचा है , मीडिया और सोशल मीडिया, तो फिर यही सही.. धन्यवाद “दैनिक भास्कर” समाचार पत्र समूह,
कानून रद्द ना हुआ तो और तेज होगा आंदोलन : डॉ. राजाराम त्रिपाठी