Poetry

उम्मीदें इस दिल में हर पल ज़िंदा रख लेता हूँ

डॉक्टर राजाराम त्रिपाठी की कलम से उम्मीदें इस दिल में हर पल ज़िन्दा रख लेता हूँ ।राहों में खिलते -मुस्काते फूल यकीं के रख देता हूँ ।। मिल जाए हक़ हर किसान को , इसकी खातिर ।मुंसिफ और हुक्मरानों तक दावे पेश कर देता हूं ।। खुशियाँ सारे जहाँ की , तुम्हें हो जायें हासिल […]

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